आयुष कार्डियोलॉजी ने बचा लिया : पेसमेकर से !!
मैं जिला रीवा (म.प्र.) से उदय शकर यादव, (उम्र ५४), मैं पहले स्पोर्ट्स में फिर एस.पी. ग्रुप के डिपार्टमेण्ट से रिटायर्ड हूँ।
मुझे पहले ३ जुलाई २०१८ को ब्रेन अटैक आया था, जिससे लेफ्ट साइड सिर घुमाने में समस्या होती थी, मुझे तुरन्त रीवा के संजय गाँधी मेडिकल कॉलेज में ले गये, वहाँ पर सी.टी. स्केन हुआ, यहाँ पर भी अटैक ही बताया गया, ४-५ दिनों तक इलाज चला लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
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उदय शंकर यादव (Dep. ADM S.P. Group) |
फिर मुझे सीम्स हॉस्पिटल
नागपुर में ले जाया गया, वहाँ भी
सी.टी. स्कैन हुयी, ब्रेन अटैक
ही बताया गया तथा १ माह इलाज चला। नागपुर में पेसमेकर के लिए बोला गया, इसलिए मैंने मना कर दिया, सिर्फ दवाओं के लिए कहकर घर आ गया।
घर में कुछ दिन बाद फिर
से समस्या हुयी, तो मुझे
जबलपुर ले गये, वहाँ डॉक्टर
ने रिपोर्ट्स देखकर तुरन्त पेसमेकर डलवाने की बात कही, मेरे मना करने पर यहाँ तक कह दिया कि आप बहुत लापरवाह हैं, अपनी जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, ५ मिनट तक की भी मैं गारण्टी नहीं लेता कि आपको क्या होगा, लेकिन मेरा आत्मविश्वास बिल्कुल नहीं डगमगाया और मैं कुछ
पैसों का इंतजाम करके फिर से पेसमेकर डलवाने की बात कहकर मैं वहाँ से किसी तरह
बचकर घर आ गया।
मैंने सोचा कि अगर मुझे
पेसमेकर ही डलवाना है तो मैं दिल्ली एम्स में क्यों न डलवाऊँ, दूसरी बात मैं जानता था कि पेसमेकर डलवाने के बाद लगातार
कमजोर होते जाना और कमजोर जिन्दगी जीना। मैं दिल्ली की ही जाने की तैयारी कर रहा
था कि उसी समय मुझे आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट की आयुष कार्डियोलॉजी के बारे में पता चला, यहाँ पूरी तरह आयुष पद्धति से हार्ट का इलाज होता है और कोई
भी चीर-फाड़ नहीं होती।
मैं दिनांक १२ अक्टूबर
२०२० को आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चित्रकूट आया, रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर मुझे आयुष ग्राम चित्रकूट की ओपीडी-२ में
त्रिमर्म चिकित्सा विभाग के डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उस समय मुझे २ लोग पकड़कर लाये थे, बहुत श्वास फूल रही थी, अपने आप से चल नहीं पा रहे थे, कमजोरी बहुत थी और अटैक आने के २ माह पहले सुगर का भी पता
चला था, तभी से सुगर
की अंग्रेजी दवा लेने लगा था।
आयुष ग्राम
(ट्रस्ट) चित्रकूट में डॉक्टर वाजपेयी साहब ने देखा और सारी समस्यायें पूछीं, उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों आपको बिल्कुल
पेसमेकर डलवाने की जरूरत नहीं है, मैं बिल्कुल दवाओं से आपको स्वस्थ करूँगा और रखूँगा। उनकी
बातों से मुझे मेरा आत्मबल और बढ़ गया और मेरी चिकित्सा शुरू हुयी।
फिर मैं १ माह की दवायें
लेकर चला गया, मुझे पहले
माह दवाओं से विशेष आराम नहीं मिला, मैं दूसरे माह फिर दिखाने आया, तो उन्होंने कहा कि आप बिल्कुल परेशान न हों, इस माह आराम मिलेगा, सच में ऐसा ही हुआ, दूसरे माह की दवाओं से आराम मिलने लगा और ३-४ माह में मैं
५० % ठीक हो गया।
मैंने २ साल तक लगातार दवाई की।
अब तो नाममात्र की दवायें
चल रही हैं, मैं पूर्ण
स्वस्थ हूँ, मैं पूरा काम
करता हूँ, घूम-टहल लेता
हूँ, दौड़ भी लूँ
तो भी कोई समस्या नहीं होती, मेरी समस्यायें खत्म हो गयीं, सुगर भी नार्मल चल रहा है। अब तो डॉक्टर
साहब मुझे दवायें लेने आने को मना करते हैं, लेकिन उनका आर्शीवाद लेने हर माह आता हूँ।
मैं बहुत खुश
हूँ, मैं यहाँ के
बारे में जितना ज्यादा कहूँ उतना ही कम है, उनके जैसा ज्ञानी मैंने अपनी जिन्दगी में नहीं देखा, उन्होंने मुझे पूर्ण स्वस्थ कर दिया, मैं उनका बहुत आभारी हूँ।
उदय शंकर यादव
छिजवार
(मध्येपुर), रीवा (म.प्र.)
9131881080
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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