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श्री प्रकाशचन्द्र निगम साथ में पत्नी श्रीमती प्रभा निगम |
मेरा नाम प्रभा
निगम है, मेरे पति श्री
प्रकाशचन्द्र निगम (उम्र ७२), हम लोग स्वराज कॉलोनी, गली नम्बर-५, बाँदा (उ.प्र.) के रहने वाले हैं, मेरे पति सिचाई
विभाग में प्रशासनिक अधिकारी थे और मेरे भाई सरकारी डॉक्टर हैं। मेरे पति को १०
साल पहले पैरालायसिस अटैक आया, मैं तुरन्त कानपुर रिजेन्सी लेकर गयी, वहाँ पर डॉ.
निर्मल पाण्डेय ने देखा, उन्होंने कहा कि
ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ा हुआ था, जिससे लकवा हो गया, १ साल तक उपचार हुआ, आराम मिल गया, लेकिन दवा चलते-चलते बीच में फिर से दूसरा अटैक पैरालायसिस
का आया, उसी समय से लेफ्ट
साइड अंग काम करना बन्द कर दिया, फिर हम रिजेन्सी कानपुर लेकर गये, वहाँ पर १ साल तक
फिर उपचार चला, अभी ५-६ माह पहले
अचानक पैर व कमर में बहुत दर्द होने लगा, घुटनों में सूजन व पैरों में सूजन आ गयी, लेफ्ट साइड के अंग बहुत कम काम कर पा रहे थे, हम लोग फिर
कानपुर रिजेन्सी ले गये तो वहाँ पर डॉ. निर्भय कुमार जी ने देखा, सारी जाँचें
करवाई गयीं, जाँच में कहा कि
किडनी खराब हो गयी। हमने कहा कि यह कैसा है कि एक रोग की दवा चल रही है और दूसरा
नया रोग बन गया। २८ जुलाई २०२० में जाँच करवाने पर क्रिटनीन
२.५१, यूरिया ७९.१
एमजी/डीएल आया। डॉ. निर्भय जी का उपचार चल रहा था। लेकिन कुछ ज्यादा आराम नहीं
हुआ।
तभी
मेरे भाई डॉ. दिनेश निगम जो सरकारी डॉक्टर हैं, उन्होंने
आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट
का पता बताया। मैं १ नवम्बर २०२० को आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट
अपने बेटे व पति के साथ पहुँची, वहाँ पर
रजिस्ट्रेशन करवाया गया फिर ओपीडी-२ में डॉ. वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने
देखा और भर्ती कर लिया।
➡️ जिस समय यहाँ पर मेरे पति आये थे उस समय बहुत समस्यायें थीं, बिल्कुल भूख नहीं
लग रही थी, उठ-बैठ तक नहीं
पा रहे थे, कमजोरी बहुत लग
रही थी, बातें तो बिल्कुल
नहीं करते थे, सुस्ती, आलस्य बना रहता
था, दिनभर सोते ही
रहते थे, पैरों में सूजन
थी, लेफ्ट साइड के
अंग काम नहीं कर रहे थे।
आयुष ग्राम में
१५ दिनों तक भर्ती रखकर पंचकर्म चिकित्सा व दवाइयाँ चलीं, १५ दिनों की
चिकित्सा से ही मेरे पति को इतना आराम मिल गया जो कई सालों तक रीजेन्सी अस्पताल
में अंग्रेजी दवा करने के बावजूद भी नहीं मिला। सबसे बड़ी बात थी कि अंग्रेजी दवा
चलते-चलते शरीर गिरता जा रहा था, वह सुधरने लगा। उन्हें भूख खूब अच्छी लगने लगी, इन्हें हम व्हील
चेयर में लाये थे वे अपने आप से चलकर पंचकर्म विभाग तक अपनी थैरेपी करवाने
जाने लगे, सूजन बिल्कुल
खत्म हो गयी, बातें भी खूब
अच्छे से करने लगे,
इस समय शरीर में स्फूर्ति सी आ गयी है।
मैं सभी से यही
कहना चाहूँगी कि जितना अच्छा उपचार आयुर्वेद में और आयुष
ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट में है वह और किसी पैथी में नहीं है, मेरा मानना है
अगर शुरू में ही मेरे पति को आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूट का अच्छा उपचार
मिल गया होता तो आज यह समय आता ही नहीं कि मेरे पति को व्हील चेयर में लाना पड़ता।
१० साल से पैरालायसिस की अंग्रेजी दवायें खाते-खाते तो मेरे पति आज किडनी के रोगी
बन गये,
|| चलने फिरने में लाचार हो चुके मेरे पति आयुष ग्राम चित्रकूट की चिकित्सा से अपने से चलने लगे हमें इससे बड़ी ख़ुशी और उपलब्धि और क्या चाहिए ||
श्री
प्रकाशचन्द्र निगम पत्नी श्रीमती प्रभा निगम
स्वराज
कॉलोनी,
गली नम्बर-५, बाँदा
(उ.प्र.)
७९८५८९३३०४
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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