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वाहिद अली साथ में बेटी शबाना बानो |
हम लोग सिराथू (कौशाम्बी)
उ.प्र. से हैं। मेरा नाम सबाना बानो, अब्बू वाहिद अली (उम्र ५५) है।मेरे अब्बू पहले साउथ में
प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन इस समय
८-१० साल से अपना निजी प्राइवेट स्कूल चलाते हैं।
मेरे अब्बू को १५ साल से
सुगर व ब्लड प्रेशर की समस्या थी, लेकिन मेरे अब्बू बहुत लापरवाह थे, अपने मन से ऐसे ही दवायें लेकर खाते रहते थे, कोई भी परहेज नहीं करते थे।
३ साल पहले ज्वर (बुखार)
आने लगा, तो गाँव के
डॉक्टरों से दवायें लेकर खाते रहते हैं, लेकिन अन्दर से बुखार बना ही रहता था, लेकिन लापरवाही के चलते कभी ध्यान नहीं दिया।
फिर अभी ४ माह पहले अचानक
आँख से धुंधला दिखने लगा, बिल्कुल
चलना-फिरना बन्द हो गया, हिचकी बहुत
आने लगी, पेशाब
रुक-रुक कर होने लगी, श्वांस फूलने
लगी, उल्टियाँ हो
रहीं थीं, कुछ भी खा-पी
नहीं रहे थे, ब्लड प्रेशर
बहुत बढ़ने लगा।
इन सभी समस्याओं के चलते
मैं अपने अब्बू को प्रयागराज के नारायण हॉस्पिटल ले गयी, वहाँ पर लॉक डाउन चल रहा था, कोविड-१९ के कारण, वहाँ से वापस कर दिया गया। मैं परेशान होकर अपने अब्बू को
प्रयागराज के विजय हॉस्पिटल ले गये, वहाँ पर सारी जाँचें हुयीं और जाँच के बाद पता चला कि मेरे अब्बू की ७० % किडनी खराब है और वहीं
पर डॉक्टर ने बताया कि यह किडनी की समस्या इनको ३ साल पुरानी है। यहाँ पर डेढ़ माह
इलाज चला, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला।
फिर उसी समय मेरे ही गाँव
के एक व्यक्ति जो अपना किडनी का इलाज करवाकर ३ साल से बिल्कुल स्वस्थ हैं के
द्वारा आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला।
मैं अपने अब्बू को लेकर
पिछले महीने आयुष ग्राम (ट्रस्ट)
चिकित्सालय, चित्रकूट में आयी, वहाँ भर्ती किया गया, मेरे अब्बू
को १५ दिनों की दवाओं से काफी आराम हुआ। हिचकियाँ बिल्कुल बन्द हो गयीं, बुखार भी खत्म हो गया, दवा खत्म हो जाने के बाद फिर मैं अपने अब्बू को लेकर आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट पहुँची, फिर जाँचें हुयीं डॉक्टर वाजपेयी जी ने देखा और फिर भर्ती होकर चिकित्सा करवाने की सलाह दी, मेरे अब्बू जब यहाँ पर आये थे तो ब्लड प्रेशर व सुगर बहुत
बढ़ रहा था, बिल्कुल ऑन बेड थे, शौंच-पेशाब भी नहीं कर पा रहे थे, आँखों से दिखाई कम दे रहा था, भूख नहीं लग रही थी, कमजोरी बहुत थी।
लेकिन आयुष
ग्राम में चिकित्सा कराते-कराते २ सप्ताह में ही मेरे अब्बू चलने लगे और सारी
समस्यायें खत्म हो गयीं, अंग्रेजी दवायें सारी बन्द हो गयीं, सिर्फ सुगर की ले रहे हैं, भूख भी अच्छी हो गयी, यहाँ आने के २ दिन पहले बायें तरफ पूरे शरीर में पैरालाइसिस
हो गया था जिससे हाथ तक उठ नहीं पा रहे थे, लेकिन २ सप्ताह में वह भी काम करने लगा।
हम लोग बहुत खुश है कि
मेरे अब्बू को इतने पॉजिटिव रिजल्ट देखकर और हम लोग अल्ला से दुआ करते हैं। मेरे
अब्बू को बिना डायलेसिस से इतना ७० % से ज्यादा आराम है और उम्मीद है कि जल्द से जल्द पूरी तरह
स्वस्थ हो जायेंगे।
हमने यह देखा
कि अंग्रेजी डॉक्टरों के बस में जो नहीं होता वहाँ पर आयुर्वेद चिकित्सा चमत्कार
कर दिखाती हैं। मैं चाहती हूँ कि मेरी बात सब जगह पहुँचे और मेरे अब्बू की तरह
परेशान दूसरे लोग भी फायदा उठायें।
वाहिद अली
परास
(सिराथू), कौशाम्बी (उ.प्र.)
८१२७८२७७२९
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी एम.डी.(आयु.) आ.
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