मेरा
नाम जितेन्द्र है, मेरे
जीजा जी श्री रेवतीरमण शुक्ला (उम्र ४७ वर्ष) यह खुजरिहा खुर्द, चित्रकूट
के रहने वाले हैं, यह
एक किसान हैं। मेरे जीजा जी को डेढ़ साल पहले सुगर
की समस्या हो गयी थी, तभी
से अंग्रेजी दवा लेने लगे थे। फिर १ साल पहले बायें पैर के तलवे में घाव हो जाने
के कारण प्रयागराज में दिखाया गया,
वहाँ
पर ऑपरेशन किया गया, अंग्रेजी
दवायें चलीं। फिर घर वापस आ गये।
फिर ३ माह पहले एक दिन अचानक पूरे शरीर में सूजन आ गयी, कुछ भी खाने पर उल्टियाँ हाने लगीं, पेशाब में समस्या हो गयी तो हम लोग तुरन्त प्रयागराज के एक नर्सिंग होम में दिखाया, वहाँ पर सारी जाँचें करवाई गयीं और किडनी की समस्या बताई गयी, डायलेसिस के लिए भी बोल दिया गया। ३-४ दिन भर्ती रखकर अंग्रेजी दवायें व इंजेक्शन दिये गये और २ यूनिट खून भी चढ़वाया गया। हमने डायलेसिस नहीं करवायी और कुछ दिनों की दवायें लेकर घर ले आये।
मेरे
जीजा जी शराब बहुत पीते थे और उसी के कारण पेट साफ न होना ये सब समस्यायें होने लगीं।
घर पर दवायें खाने लगे तो याददाश्त कम होती जा रही थी, घर
के लोग पागल कहने लगे और जैसे-जैसे अंग्रेजी दवायें खाते रहे वैसे ही और ज्यादा
हालत खराब होने लगी, उल्टियाँ
बिल्कुल रुक नहीं रहीं थीं,
पेशाब अच्छे से नहीं हो रही थी, पेट
साफ नहीं होने लगा, भूख
बिल्कुल नहीं लगने लगी।
तभी
मेरे जीजा जी को गाँव के ही लोगों के द्वारा आयुष
ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट
के बारे में पता चला। मैं अपने जीजा जी को लेकर आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट
दूसरे दिन लेकर पहुँचा, मैंने
रजिस्ट्रेशन करवाया, फिर
नम्बर आने पर ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया
गया, उन्होंने सारी जाँचें देखीं और कुछ जाँचें
करवायीं, जाँच
आने के बाद उन्होंने कहा कि स्टेज तो डायलेसिस की है लेकिन कोशिश करता हूँ कि
डायलेसिस न करवानी पड़े, इसके
लिए पूरा परहेज व समय से दवायें खानी पड़ेंगी और शराब तो बिल्कुल देखनी भी नहीं और
१५ दिन भर्ती रहकर पंचकर्म थैरेपी करवाने की सलाह दी।
मैंने
१५ दिन के लिए भर्ती करवा लिया और १५ दिन पंचकर्म थैरेपी करवाई गयी, १५ दिनों में मेरे जीजा जी को
पूर्ण रूप से शारीरिक स्वस्थ महसूस कर रहे हैं,
रिपोर्ट्स
भी हफ्ते कम हो रही है, मैं
बहुत खुश हो गया और मैंने जो डायलेसिस न करवाने को कह रहा था वैसा ही हुआ, मेरे जीजा जी डायलेसिस से बच गये, १५ दिनों के पंचकर्म थैरेपी व
दवाओं से उन्हें पूर्ण आराम मिल गया।
जो
अंग्रेजी डॉक्टर सिर्फ डायलेसिस करवाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बता पा रहे थे, वहीं
आयुर्वेदिक दवाओं से न तो खून चढ़वाने की जरूरत पड़ी न ही कोई अंग्रेजी दवाओं की।
उन्हें भूख भी बहुत अच्छी लगने लगी,
पेशाब भी सही हो गयी, उल्टियाँ
तो दूसरे दिन से ही बन्द हो गयीं थीं।
मैं
बहुत खुश हूँ कि मेरे जीजा जी को डायलेसिस से बचा दिया और अंग्रेजी दवायें भी सारी
बन्द हो गयीं। इन १५ दिनों में १०० % पूरा आराम लग रहा है। मैं डॉक्टर वाजपेयी जी
को धन्यवाद देता हूँ और अब मुझे पूर्ण विश्वास है कि अब डायलेसिस व खून चड़वाने और
अंग्रेजी दवाओं की कभी जरूरत नहीं पड़ेगी।
जितेन्द्र मेरे जीजा जी श्री
रेवतीरमण शुक्ला
खुजरिहा खुर्द, चित्रकूट ९५१११९३७१८
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
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