कोलेस्ट्रोल,मधुमेह,ब्लडप्रेशर,थायराइड,हड्डियों की बीमारी और डिजेनरेशन आदि चयापचय असंतुलन की बीमारी है। रीढ़ की नस दबना, घुटनों का घिसना और हार्ट में ब्लॉकेज यह ठीक उसी प्रकार त्रिदोषों के असंतुलन का परिणाम और आयुजन्य विकृति है कोलेस्ट्रोल का घटना बढ़ना मौसम के बदलाव से भी जुड़ा प्रकरण है। किन्तु वर्तमान में ऐसा परिद्रश्य निर्मित है कि व्यक्ति रोगों के सही कारण ठीक करने की अपेक्षा प्रदर्शन में बहुत व्यस्त है।
मेरा
नाम स्वाती सिंह है, मेरा
पापा श्री रामकृपाल सिंह, (उम्र
६०) हम लोग रेना (दाउदपुर), फतेहपुर (उ.प्र.) से हैं। पापा
सरकारी सर्विस में थे, २५
साल पहले दायें तरफ हाथ पक गया था उसकी अंग्रेजी दवायें चलीं। अब
सुगर की समस्या हो गयी, जिसकी
अंग्रेजी दवाये ंचलने लगीं। अभी १ साल से डॉक्टर इंसुलिन देने लगे, १४-१४
यूनिट ३ बार और शाम को १६ यूनिट इंसुलिन देने लगे।
कुछ
दिन बाद एक दिन अचानक पापा को बहुत उल्टियाँ होने लगीं और श्वास फूलने लगी। हम लोग घबराकर कानपुर
रिजेन्सी ले गये, वहाँ
पर सारी जाँचें हुयी और डॉक्टर ने किडनी की समस्या बतायी और हार्ट की पम्पिंग कम
बताई। कुछ दिन आईपीडी किया और १ साल में ४ बार भर्ती किया गया, पहली बार डायलेसिस के लिए भी बोल
दिया गया लेकिन हम लोगों ने नहीं करवाया। हर बार भर्ती करने पर २ से ढाई लाख रुपये
लग जाते। कुछ दिनों के लिए ठीक रहते और फिर समस्या होने लगती।
तभी
मुझे मेरे ही गाँव के एक व्यक्ति जो मिलिट्री में थे वे अपना किडनी का इलाज करवा
कर स्वस्थ हो चुके हैं के द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट के
बारे में पता चला। मैं अपने पिता जी को ३१ जुलाई २०२० को लेकर आयुष
ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट
पहुँची, रजिस्ट्रेशन
हुआ, नम्बर
आने पर ओपीडी-२ में डॉक्टर वाजपेयी जी के पास बुलाया
गया, उन्होंने
सारी जाँचें देखीं और कुछ जाँचें करवायीं फिर जाँच आने के बाद कहा कि केस बहुत
बिगड़ गया है, पर
परेशान न हों सम्हालने का प्रयास करेंगे, आप यहाँ भर्ती होइये। आपकी इंसुलिन भी
छुड़वाऊँगा।
हमने
पापा को भर्ती करवाया। जब हम पापा को चित्रकूट लेकर आये थे उस समय उन्हें
२ लोग पकड़कर आये थे, इतनी
कमजोरी थी और श्वास फूल रही थी,
बुखार भी आ रहा था। खून भी कम हो रहा था जिसके
लिए १ सप्ताह में इंजेक्शन भी लगता था। इंसुलिन ४ बार ले ही रहे थे और ढेर सारी
अंग्रेजी दवायें ले रहे थे,
ब्लडप्रेशर बढ़ा रहता था, कभी-कभी
घट जाता था, अपने
आप से चल नहीं पा रहे थे, पेट
साफ नहीं हो रहा था, भूख
नहीं लग रही थी, नींद
कम आती थी, श्वास
फूल रही थी, उल्टियाँ
हो रहीं थीं और जाँच में क्रिटनीन,
यूरिया बढ़ा था, सोडियम
१३०.२ में था और सीआरपी भी बढ़ा था।
मेरे
पापा की चिकित्सा शुरू हुयी, आयुर्वेद
चिकित्सा, पंचकर्म, पथ्य दिया जाने लगा। अब पापा को
आराम मिलना शुरू हो गया। आज २३वाँ दिन है,
मेरे
पापा जी को इस समय बहुत आराम है, बुखार
तो बिल्कुल खत्म हो गया, ब्लडप्रेशर
सामान्य रहने लगा, उल्टियाँ
बिल्कुल बन्द हो गयीं, बिना
इंजेक्शन के खून बढ़ गया, कमजोरी
कम हो गयी, भूख
लगने लगी, पेट
भी साफ होने लगा और अपने आप से चलने लगे, इंसुलिन ४ टाइम से घटकर २ टाइम हो गयी और १४-१४
यूनिट ३ बार और शाम को १६ यूनिट की जगह अब सिर्पâ ६-८
यूनिट २ बार ले रहे हैं। जाँच में- क्रिटनीन २.२, यूरिया
५१.४, सोडियम
१३२.७, एसजीपीटी
और एसजीओटी नार्मल आया, एएलपी
११६.४ सीआरपी १०.८ आया, खून
भी बढ़ गया और सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयीं।
मैं
बहुत खुश हूँ कि मेरे पापा को नया जीवन मिल गया सिर्फ ३ सप्ताह में। मैं सर को व
पूरे स्टॉप को धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने मेरे पापा को नया जीवन दिया। मैं यहाँ
देखती हूँ कि आयुष चिकित्सा डॉ. वाजपेयी जी की देख-रेख में मरते हुए को भी जिन्दा
कर रही है, सैकड़ों
लोग जीवन पा रहे हैं।
स्वाती सिंह पुत्री श्री रामकृपाल
सिंह
रेना (दाउदपुर), फतेहपुर (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
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