मेरे
नाना श्री शीतल प्रसाद त्रिवेदी जी,
जो
सेवानिवृत्त अध्यापक हैं। उन्हें सबसे पहले मार्च २०२० में अचानक पूरे शरीर में
जलन, पेट
में सूजन बढ़ती जा रही थी, भूख
न लगने के कारण हम लोग बाँदा मेडिकल कॉलेज ले गये, वहाँ पर कुछ जाँचें हुयीं, जाँच आने के बाद डॉक्टर ने बताया
कि नाना जी को लीवर में सूजन आ गयी है,
२
माह तक अंग्रेजी दवायें चलीं लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
फिर
बाँदा के ही दूसरे डॉक्टर भरद्वाज जी को दिखाया उन्होंने बताया कि नाना जी को जो
भी समस्यायें हैं वे सब बी.पी. बढ़ने के कारण हुयी हैं, उन्होंने दवायें लिख दीं। जैसे ही
एक खुराक दवाइयाँ खायी वैसे ही बहुत चक्कर आने लगे और पूरे शरीर में खुजली होने
लगी, मैंने
डॉ. भरद्वाज जी से बात की तो उन्होंने कहा कि रोगी को लेकर आ जाइए मैं दवा बदल
दूँगा। अंतत: मैंने डॉ. भरद्वाज जी की दवायें ही बन्द कर दीं और अपने नाना जी को आयुष
ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय,
चित्रकूट
लेकर आया।
मैं
१४ जून २०२० को आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट लेकर
पहुँचा। उन्होंने देखा और कुछ खून जाँचें करवायीं, जाँच आने के बाद उन्होंने बताया कि लीवर व
किडनी दोनों में समस्या है आप परेशान न हों,
यहाँ
कुछ दिन रहकर पंचकर्म थैरेपी, दवायें, पथ्य लें। मैं १७ जून को आयुष
ग्राम चित्रकूट पहुँचा और नाना जी को भर्ती करा
लिया।
जिस
समय मैं नाना जी को लेकर आया था उस समय उन्हें पूरे शरीर में सूजन, पूरे
शरीर में खुजली थी, सियाटिका
की समस्या थी, बी.पी.
बढ़ा रहता था, पेशाब
रुक-रुक कर आ रही थी, भूख
भी नहीं लग रही थी। १५ दिनों तक भर्ती रखकर पंचकर्म थैरेपी की गयी, १५
दिनों में नाना जी के पूरे शरीर की सूजन बिल्कुल खत्म हो गयी, भूख
लगने लगी, चलने
में समस्या हो रही थी वह भी ठीक हो गयी,
आवाज में भारीपन था वह भी ठीक हो गया, पेशाब
में पूर्ण आराम हो गया, किडनी
की समस्या में बिल्कुल आराम हो गया। अंग्रेजी दवायें बिल्कुल बन्द हो गयीं, बी.पी.
भी बिल्कुल नार्मल रहने लगा,
सिर्फ इस
समय खुजली व सियाटिका में भी ५० % आराम है और सभी समस्याओं में पूर्ण आराम है।
डॉ.
वाजपेयी जी का कहना है कि सियाटिका और खुजली की स्ट्रांग मेडिसिन नहीं दे सकते
नहीं तो लिवर पर बुरा असर पड़ेगा, अत:
सियाटिका और खुजली की दवायें कम पावर की धीरे-धीरे चलने दीजिये।
आयुष
ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में
आने के बाद मन को पूर्ण रूपेण शान्ति मिली,
मैंने
यहाँ आकर देखा कि एलोपैथी से ज्यादा तेज आयुर्वेद कार्य करता है। यहाँ इतने गंभीर
से गंभीर रोगी आते हैं और सभी को आश्चर्य जनक और जल्दी लाभ होता है। यहाँ रोगियों
के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार एवं डॉक्टर साहब द्वारा बातों के माध्यम से ही इलाज में
लाभ नजर आ जाता है। मुझे एलोपैथी से दिक्कतें बहुत हुयीं जिससे
मेरा मन बिल्कुल अशान्त था,
अब पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं आश्वस्त है। मैंने
माना कि आयुर्वेद ही जीवन दे सकता है।
अमित कुमार पुत्र श्री नरेश कुमार दीक्षित
कृष्णा नगर, ओरन रोड, अतर्रा, बाँदा (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
0 Comments