मैं आदित्य कुमार (उम्र
२६) प्रयागराज (उ.प्र.) से हूँ। मैं प्रयागराज में ही जाँब करता हूँ। मुझे मई २०१९ से सिर में बहुत तेज दर्द उठा मैं
पहले तो ऐसी ही मेडिकल से दवा लेकर खाता रहा, फिर मैंने प्रयागराज के एक होम्योपैथिक डॉ. को दिखाया, उन्होंने दवायें दीं तो पहले से कुछ सिर के दर्द में आराम
मिल गया। फिर मैंने सिर के दर्द के कारण डॉ. अमित सिंह जी को दिखाया उन्होंने
माइग्रेन की समस्या बताई और आँख में समस्या बताई और कहा कि इन्हीं दोनों कारणों से
आपके सिर में दर्द बना ही रहता है। मैंने २ माह अंग्रेजी दवायें खायीं। सितम्बर
२०१९ में मेरा एक्सीडेण्ट हो गया, उसी से बायें घुटने में चोट लग गयी थी तभी से पैर में कभी-कभी सूजन आने लगी
थी। पैर के लिए मैंने प्रयागराज के एक हड्डी के डॉक्टर को दिखाया उन्होंने १
सप्ताह की अंग्रेजी दवायें दीं और एक्सरसाइज करने के लिए बोला।
नवम्बर माह में मुझे कुछ भी खाने से उल्टियाँ होने लगीं और सिर का दर्द असहनीय होने लगा। तो मेरे घर वाले मुझे प्रयागराज के रेलवे हॉस्पिटल ले गये, वहाँ पर बी.पी. चेक करवाया गया मेरा बी.पी. १९०/१६० आया और भी सारी जाँचें करवाई गयीं तो मेरी किडनी की समस्या का भी पता चला और हीमोग्लोबिन कम होने के कारण इंजेक्शन भी हर ७ दिन में लगने लगे। मैंने सिर्फ एक इंजेक्शन लगावाया और ७ दिन की दवायें खायीं पर कुछ भी आराम नहीं मिला। फिर मैंने प्रयागराज के ही एक होम्योपैथिक डॉक्टर को दिखाया, कुछ भी आराम नहीं मिला और यूरिया, क्रिटनीन बढ़ता चला गया।
अब मैं २८ जुलाई को
मेदान्ता चला गया, सारी जाँचें
हुयीं, जाँच में
यूरिया, क्रिटनीन बढ़ा
आया तो डॉक्टरों ने डायलेसिस व ट्रांसप्लांट के लिए कहा और कहा कि अगर ऐसा नहीं
किया तो लीवर कैंसर भी हो सकता है, मैंने डायलेसिस के लिए मना कर दिया और ७ दिन की दवायें लेकर
घर आ गया।
फिर मुझे
मेरे एक रिश्तेदार के द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट के चिकित्सालय चित्रकूट के बारे
में पता चला। मैं अपने बड़े भाई के साथ ४ अगस्त २०२० को आयुष ग्राम चित्रकूट पहुँचा, रजिस्ट्रेशन हुआ और नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-२ में डॉ.
वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। उन्होंने
सारी जाँचें देखीं और समस्यायें पूछीं तथा जाँच में- यूरिया ११६.९ एमजी/डीएल, क्रिटनीन ७.९ एमजी/डीएल, यूरिक एसिड ९.० एमजी/डीएल, सोडियम १२९.९ आया। यहाँ सर ने १५-१५ दिनों तक १ माह के अंतर
से यहाँ रहना होगा।
जब मैं यहाँ आया था तब
मुझे कुछ भी खाने पर यहाँ तक कि खाने के सुगन्ध से उल्टियाँ हो जाती थी, लेकिन यहाँ पर ४ दिन में मेरी उल्टियाँ बिल्कुल बन्द हो
गयीं और सिर का दर्द व बी.पी. सामान्य हो गया १५ दिनों में। आज २१वां दिन है, २१ दिनों में मेरी जाँच में- क्रिटनीन ५.७ एमजी/डीएल, यूरिया ७५.८ एमजी/डीएल, यूरिक एसिड ७.३ एमजी/डीएल, सोडियम १३५.७ नार्मल आ गया। मुझे इस समय भूख बहुत अच्छी
लगने लगी और कमजोरी भी कम लग रही है, मेरी १५ दिन में बी.पी. की दवा बन्द हो गयी और तो सब पहले
दिन से ही अंग्रेजी दवायें बन्द कर दी गयीं। इस समय शारीरिक पूर्ण आराम है। यहाँ
उचित खान-पान, पंचकर्म, स्नेहन कर्म, योग-प्राणायाम का क्रम दिया गया।
मैं फास्ट-पूâड बहुत खाया करता था, बीमार होने के पहले अब वह सब मना कर दिया गया है और अब मुझे
लग रहा है कि मेरी समस्याओं की जड़ सिर्फ फास्ट-फूड व जंक फूड ही है।
इस अस्पताल
के डॉक्टर, नर्सें बहुत ही मेहनती हैं। मैंने ऐसा अनुशासित, समर्पित, सेवाभावी अस्पताल नहीं देखा, पूर्णतया आयुष चिकित्सा। एक भी अंग्रेजी दवा का प्रयोग
नहीं। मैं चाहता हूँ कि मेरी बात सभी जरूरतमन्द तक पहुँचे।
आदित्य कुमार
७७, गारी मऊ ताला खुल्दाबाद, प्रयागराज (उ.प्र.)
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट

प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
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