क्या ये सही नहीं है !!
किडनी और हृदय रोगों की चिकित्सा आयुष में बहुत ही उत्कृष्ट है, ऐसे रोगी जिनकी अंग्रेजी दवा खाते - खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति पूरी तरह से नष्ट हो जाती है ऐसे रोगियों को आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक, प्रभावशाली और जीवनदायिनी है, किन्तु लोगों में जागरूकता का आभाव है जन - जन को इसका प्रचार करना चाहिए। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्ट, किडनी, लिवर का रोगी बन जाता है और फिर, कभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, ताकि ऐसे पीड़ित मानव का कल्याण हो सके और लोग अंग्रेजी दवाओं के जाल से बच सकें ।
संस्थाध्यक्ष, आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
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श्री रियाजउल्ला खां |
मुझे २८ दिसम्बर २०१९ में अचानक बाइक से गिर जाने के बाद से
कमर में दर्द होने लगा, धीरे-धीरे
दर्द काफी ज्यादा होने लगा और हल्का बुखार भी आने लगा, कमजोरी बहुत हो गयी थी तो मैंने झाँसी के एक अंग्रेजी
हॉस्पिटल में दिखाया, वहाँ पर सभी
जाँचें करवायी गयीं, तो हेमोग्लोबिन ७.९, यूरिया २६८.९, क्रिटनीन १३.३८ आया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में आने से पहले की रिपोर्ट |
डॉक्टर ने तुरन्त
डायलेसिस करवाने के लिए कहा। मैंने डायलेसिस के लिए साफ मना कर दिया और घर आ गया। तभी मुझे मेरे ही एक रिश्तेदार के द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट
चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में पता चला।
मैं उन्हीं रिश्तेदार और
अपनी बहन के साथ २-३ दिन बाद आयुष ग्राम
ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट पहुँचा। वहाँ पर मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ और फिर नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-२ में डॉ. मदनगोपाल वाजपेयी जी के पास बुलाया गया, उन्होंने सारी समस्यायें पूछीं और कुछ जाँचें करवायीं। जाँच
आने के बाद उसमें भी हीमोग्लोबिन ८.०, यूरिया ३६४.५ और क्रिटनीन १२.९ आया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में जिस दिन आये उस दिन की रिपोर्ट |
उस समय मुझे बहुत परेशानी थी मुझे कुछ भी खाने पर उल्टियाँ हो जाती थी, कमजोरी के कारण खड़े होना भी दुस्वार था, चक्कर आते थे, चलने पर श्वास बहुत फूलती थी, भूख बिल्कुल नहीं लग रही थी, पेट एक दिन छोड़कर साफ होता था, मुख का स्वाद कडुवा रहता था।
उन्होंने जाँचें देखीं और
कहा कि आपने यहाँ आने पर देरी कर दी है अब तो आप पहले डायलेसिस कराकर यूरिया, क्रिटनीन का लोड कम करिये फिर आइये। मैं रोने लगा कि मुझे डायलेसिस नहीं करवानी मैं बहुत आशा
लेकर आपके पास आया हूँ, अब मुझे और
कहीं नहीं जाना है।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में २१ दिन की चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट |
मेरे बार-बार फरियाद करने
पर उन्होंने मुझे भर्ती किया। मुझे धीरे-धीरे आराम मिलने लगा और जाँच भी पॉजिटिव
आने लगी ३ सप्ताह यहाँ रुका। मुझे काफी आराम मिल गया, रिपोर्ट्स में तो यूरिया ३६७.५ से घटकर २८२.२, क्रिटनीन १३.३८ से घटकर ११.४ तक आया। पर मुझे शारीरिक आराम
बहुत हो गया था फिर १ माह की दवायें व परहेज बताकर घर भेज दिया, मैं १ माह बाद फिर से दिखाने आया और अब मुझे २ सप्ताह के
लिए फिर भर्ती किया गया।
आज मुझे बहुत आराम है और
जाँच भी बहुत अच्छी आने लगी। ०१.०४.२०२०
की जाँच में हीमोग्लोबिन अब ७.८, यूरिया १६४.०, क्रिटनीन ८.० हो गया।
यह देखकर मेरा पूरा परिवार खुश हुआ और मुझे पूरा विश्वास हो गया कि अब मैं डायलेसिस से बच गया और अंग्रेजी डॉक्टर बिना डायलेसिस एक भी दिन जीवित न रहने की बात करते थे। मुझे आयुष ग्राम चित्रकूट में १५ दिन तक हिलने-डुलने के लिए मना किया गया क्योंकि यूरिया, क्रिटनीन इतना बढ़ा था कि कुछ भी कभी भी हो सकता है। पर मैंने देखा कि आयुष ग्राम की चिकित्सा एक बार तो मरणासन्न को भी जिन्दा कर देती है। मैं एम.ए., एल-एल.बी. हूँ। मैंने देखा कि जहाँ पर एलोपैथ अस्पताल हाथ उठाये थे डायलेसिस के बिना १ दिन भी जिन्दा न रहने की बात कहते थे वहाँ मैं आज जिन्दा हूँ और ठीक भी हूँ। मैं तो कहता हूँ कि हमारे देश में फिर से एक बार जमकर आयुष चिकित्सा जन-जन तक पहुँचना चाहिए। आयुष ग्राम चित्रकूट के डॉक्टरों ने डिस्चार्च होते समय स्पष्ट बता दिया है कि अभी साल भर तक हर तरह की सावधानी, खान-पान, आराम और किसी भी दूसरे संक्रमण से बचाव रखना होगा, लाइफ स्टाइल ठीक रखनी होगी अन्यथा गड़बड़ हो सकता है। मैं यहाँ की चिकित्सा को चमत्कार नहीं तो और क्या कहूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरी बात सब जगह पहुँचे।
यह देखकर मेरा पूरा परिवार खुश हुआ और मुझे पूरा विश्वास हो गया कि अब मैं डायलेसिस से बच गया और अंग्रेजी डॉक्टर बिना डायलेसिस एक भी दिन जीवित न रहने की बात करते थे। मुझे आयुष ग्राम चित्रकूट में १५ दिन तक हिलने-डुलने के लिए मना किया गया क्योंकि यूरिया, क्रिटनीन इतना बढ़ा था कि कुछ भी कभी भी हो सकता है। पर मैंने देखा कि आयुष ग्राम की चिकित्सा एक बार तो मरणासन्न को भी जिन्दा कर देती है। मैं एम.ए., एल-एल.बी. हूँ। मैंने देखा कि जहाँ पर एलोपैथ अस्पताल हाथ उठाये थे डायलेसिस के बिना १ दिन भी जिन्दा न रहने की बात कहते थे वहाँ मैं आज जिन्दा हूँ और ठीक भी हूँ। मैं तो कहता हूँ कि हमारे देश में फिर से एक बार जमकर आयुष चिकित्सा जन-जन तक पहुँचना चाहिए। आयुष ग्राम चित्रकूट के डॉक्टरों ने डिस्चार्च होते समय स्पष्ट बता दिया है कि अभी साल भर तक हर तरह की सावधानी, खान-पान, आराम और किसी भी दूसरे संक्रमण से बचाव रखना होगा, लाइफ स्टाइल ठीक रखनी होगी अन्यथा गड़बड़ हो सकता है। मैं यहाँ की चिकित्सा को चमत्कार नहीं तो और क्या कहूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरी बात सब जगह पहुँचे।
रियाजउल्ला खाँ
नजखाग
वार्ड नं.-२५०, छतरपुर (म.प्र.)
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी
डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
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