आयुष के ऐसे हैं प्रभाव!!
आयुर्वेद उपचार से लाखों बच्चों को बचाया जा सकता है इन्हेलर और दमा से आयुर्वेद का मतलब महान् समृद्ध, वैज्ञानिक और समूल रोगहारी चिकित्सा और स्वास्थ्य विज्ञान का आश्रय है। ‘‘आज भारत के १० प्रतिशत शहरी बच्चे और किशोर दमा से ग्रस्त हैं और अंग्रेजी डॉक्टरों के पास कोई इसका समाधान नहीं। इन बच्चों और किशोरों की रोगप्रतिरोधक क्षमता घट रही है बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पा रहा, फेंफड़े कमजोर हो रहे हैं।’’ किन्तु भारत का दुर्भाग्य है कि मानव आयुर्वेद का लाभ नहीं उठा पा रहा। पर अब समय आ गया है कि मानवता की सेवा हेतु सभी आगे आयें आयुर्वेद की ओर सभी को प्रेरित करें। इस प्रकार दमा, श्वास, इन्हेलर के चंगुल में फँसे प्रतिवर्ष हजारों बच्चों और किशोर-किशोरियों को ‘आयुष ग्राम’ चित्रकूट मुक्त कर पा रहा है।
संस्थाध्यक्ष, आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
मेरा बेटा रूद्रांश ओहदार, उम्र ९ माह को सबसे पहले जब मेरी प्रेग्नेंसी के ३ महीने
हुये थे तब मुझे खूब उल्टियाँ हो रही थीं और मुझे वायरल हो गया तब मैंने अंग्रेजी
डॉक्टर को दिखाया तो मेरी ३ माह अंग्रेजी दवायें चलीं। फिर जब मेरी डिलेवरी का समय
आया तब मुझे बिल्कुल दर्द नहीं हुआ, मेरी डिलेवरी का जो समय दिया गया था उससे १० दिन ज्यादा हो
गये। तो मेरे घर वाले राँची के रानी हॉस्पिटल ले गये, वहाँ पर जाँचें हुयीं और ऑपरेशन से डिलवेरी करवायी गयी। उस
समय मेरा बेटा बिल्कुल भी रोया नहीं, उसके फेफड़ों में पानी भर गया था, श्वास लेने में खर्र-खर्र की आवाज निकाल रहा है और उसे झटके
आ रहे थे।
मुझे यह सब बिल्कुल नहीं
बताया गया और मेरे बेटे को आईसीयू में वेन्टिलेसन में २१ दिन रखा गया और फिर २१
दिन बाद वहाँ से बाहर २१ दिन रखा गया। उस समय उसका वजन २.५ किलो ग्राम था।
४२ दिन बाद हम लोगों को
वहाँ से घर भेज दिया गया। जब हम लोग उसे घर लेकर आये तब वह बिल्कुल नहीं रोता था
और मेरा दूध बिल्कुल नहीं पी पाता था और खर्र-खर्र की आवाज बहुत करता था, ऊपर से जो दूध पिलाया जाता था उसे बाहर की ओर फेंकता था और
उसका विकास तो बिल्कुल भी नहीं हो रहा था, लार बहुत निकालता था। उस समय आरबीसी बहुत कम हो गयी थी, सीआरपी बहुत बढ़ा था।
हम लोग कुछ दिन बाद फिर
रानी हॉस्पिटल गये वहाँ पर डॉ. राजेश कुमार को दिखाया, उन्होंने कुछ अंग्रेजी दवायें दीं। लेकिन किसी भी चीज में
कोई अन्तर नहीं आ पा रहा था। फिर हम लोग राँची के ही दूसरे डॉ. ओ.पी. मनसरिया जी
(चाइल्ड स्पेशलिस्ट) के पास गये, उनका १ माह इलाज चला, हल्का सा सिर्फ रोने में चेंज आया बस और
जो दिनभर झटके आते रहते थे वह कुछ कम हुए लेकिन दवा बन्द करने पर फिर पहले जैसे
आने लगते थे। हम सब बहुत परेशान थे पूरा परिवार परेशान था।
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राँची में एक एलोपैथिक
डॉक्टर हैं उन्होंने आयुष ग्राम ट्रस्ट के
आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में
बताया। मैं दूसरे दिन ही अपनी माँ मीरा देवी के साथ चित्रकूट आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट बेटे को लेकर पहुँची, वहाँ पर मेरा रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर मेरा नम्बर आने पर मुझे ओपीडी-२ में डॉ. वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। उन्होंने सारी रिपोर्ट्स देखी और सारी
समस्यायें पूछीं फिर बोले कि आप १ सप्ताह यहाँ रहें इस दौरान कुछ पंचकर्म थैरापी
और औषधियाँ चलेंगी, उन्होंने कहा
कि निश्चित रूप से परिवर्तन आयेगा।
मैंने ऐसा ही किया, १ सप्ताह रह गये और सच में तीसरे दिन से ही फर्क आने लगा। मुझे सच में १
सप्ताह में तो बच्चे में काफी चेंज आया। जो हम लोग उसके रोने की आवाज ९ माह से सुनने
को तरस रहे थे वह अब खूब रोता है और झटके बिल्कुल नहीं आये, बच्चे को न्यूमोनिया बना ही रहता था वह अब ठीक है, अब कुछ पिलाने में बाहर कम निकलता है। हमें अन्दाज नहीं था
कि आयुष चिकित्सा में इतने श्रेष्ठ और
जल्दी परिणाम आते हैं। पर हाँ! इतना
बड़ा हमने आयुष थैरेपी का अस्पताल भी नहीं देखा जहाँ इतनी अच्छी व्यवस्था ट्रेंड डॉक्टर, नर्स, कम्पाउण्डर, इतनी इवाइयाँ रस आदि।
बताइये! लोग कहते हैं कि
अंग्रेजी दवा जल्दी काम करती है और आयुष चिकित्सा धीरे-धीरे। पर हमने देखा कि आयुष
चिकित्सा तो बड़ी तेजी से काम करती है तभी तो पुराने जमाने में जब भारत में आयुष चिकित्सा ही थी तो भारत में बीमारी कम थी, भारत के बच्चे जवान सब स्वस्थ होते थे अब तो अंग्रेजी
चिकित्सा ने सब बर्बाद करके रख दिया। यह हम कह रहे हैं। हमारे बच्चे को ही बर्बाद करके रख दिया। दूसरे के लिए क्या
कहूँ। आप सभी मेरी बात को समझें यदि कोई बच्चा परेशान हो तो आयुष चिकित्सा में पहुँचें। बच्चे को अंग्रेजी दवा से बर्बाद न करें।
अब मुझे १ सप्ताह बाद १
माह की दवा देकर डिस्चार्ज कर दिया और ४७ दिन बाद फिर १ सप्ताह रुकने की सलाह दी
गयी है।
पूजा ओहदार पत्नी श्री प्रवीण
ओहदार (सरकारी
अध्यापक)
करमटोली (राँची) झारखण्ड
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुशरण करते हैं ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुशरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी
डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।
सरकार आयुष को बढ़ाये मानव का जीवन बचाये!!
सरकार को फिर से भारत में अंग्रेजी अस्पताल और अंग्रेजी मेडिकल कॉलेजों की जगह अच्छे और समृद्ध आयुष संस्थान खोलने चाहिए तथा उनसे पूरी क्षमता से कार्य लेना चाहिए। इससे भारत का मानव हार्ट के ऑपरेशन, छेड़छाड़ स्टेंट और डायलिसिस जैसी स्थितियों से बचकर और हार्ट को स्वस्थ रख सकेगा। क्योंकि हार्ट के रोगी पहले भी होते थे आज भी होते हैं और आगे भी होते रहेंगे। जिनका सर्वोच्च समाधान आयुष में है। आयुष ग्राम चित्रकूट एक ऐसा आयुष संस्थान है जहाँ ऐसे-ऐसे रस-रसायनों/ औषध कल्पों का निर्माण और संयोजन करके रखा गया है जो जीवनदान देते हैं। पंचकर्म की व्यवस्था एम.डी. डॉक्टरों के निर्देशन में हो रही है, पेया, विलेपी, यवागू आदि आहार कल्पों की भी पूरी उपलब्धता है इसलिये यहाँ के ऐसे चमत्कारिक परिणाम आते हैं।
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आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
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