आयुष के ऐसे हैं प्रभाव!!
हम यह नहीं कहते कि हम किडनी, हार्ट या रीढ़ (स्पॉण्डिलाइटिस), चर्म रोगियों को शत प्रतिशत स्वस्थ कर देते हैं पर यह तो अवश्य कह सकते हैं कि हम इन रोगों में अंग्रेजी चिकित्सा से अच्छे और औसत से अधिक अच्छे परिणाम देते हैं। बस! रोगी इतना देर करके न आये। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्ट, किडनी, लिवर का रोगी बन जाता है और फिर, कभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। एक नहीं, सैकड़ों हार्ट रोगी, सैकड़ों किडनी रोगी इसके प्रमाण हैं जिनका डाक्यूमेंट्री रिकॉर्ड आयुष ग्राम चित्रकूट में रखा जाता है। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, शायद वे भी समय से आयुष चिकित्सा में पहुँचकर आपके मार्गदर्शन से इनकी तरह जीवन लाभ पा सकें।
संस्थाध्यक्ष, आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
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श्री हरिबहादुर पाण्डेय जी (सेवानिवृत्त उ.प्र.पु.) |
मैं सन् २०१२ में पुलिस से रिटायर्ड हुआ। १५-१६ साल पहले
दाहिने पैर में बहुत दर्द उठा, उठने-बैठने में समस्या होने लगी तो वहीं पास के एक डॉक्टर को दिखाया तो उसने सियाटिका रोग बताया। उसी समय
मेरा ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ा रहता था। फिर मैंने महोबा के एक डॉक्टर को दिखाया
क्योंकि महोबा में ही तैनाती थी, वहाँ का इलाज २-३ माह चला लेकिन कोई आराम नहीं मिला। मेरे पैर में दर्द बहुत
रहता था, पैर पहले से
धीरे-धीरे सूज कर पतला होता जा रहा था, गाँठ भी पड़ गयी थी।
फिर मैं इन्दौर गया, वहाँ एक बड़े अस्पताल में दिखाया, १७ प्रकार की जाँचें हुयीं और ३ साल तक इलाज चला, लेकिन कोई आराम नहीं मिला। फिर मैं इन्दौर के ही अरबिन्दो
हॉस्पिटल में गया, वहाँ पर
डॉक्टर ने एमआरआई की जाँच करवाई, जाँच में डॉक्टर ने बताया कि दाहिने पैर की नसें सूख रही
हैं, जिसके लिए
ऑपरेशन करना पड़ेगा और डॉक्टर साहब ने साफ कह दिया कि ऑपरेशन के बाद सिर्फ लेटे रहना है, ६ माह बाद सिर्फ कुर्सी में बैठ सकते हैं और कहा कि अगर ऐसा नहीं करते हैं
तो फिर आप अपंग हो जायेंगे।
यह सुनकर मेरा बेटा वहाँ
से घर ले आया और कहा कि ऑपरेशन में इतने पैसे लगाने के बाद भी कोई गारण्टी नहीं है
इससे अच्छा तो अभी मेरे पिता जी ठीक हैं और घर वापस ले आया। फिर मैंने आयुर्वेदिक
इलाज भी करवाया, सिकाई हुयी, खून निकाला गया लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
एक दिन मेरी भेंट उत्तर प्रदेश सरकार के लेखा विभाग के बड़े अधिकारी श्री उमेश
द्विवेदी जी से हुयी वे झाँसी में पोस्टेड हैं उन्होंने मुझे आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट जाने की
सलाह दी। मैं अपने बेटे के साथ १० अक्टूबर २०१९ को आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट आया। मुझे १ साल पहले पेट में दर्द उठा तो मैंने अपने यहाँ
की अल्ट्रासाउण्ड करवाया, तो उसमें पता
चला कि ७.२ एममए की पथरी है। जब मैं आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट आया तो मेरा
रजिस्ट्रेशन करवाया गया, फिर मेरा
नम्बर आने पर डॉ. वाजपेयी जी के पास बुलाया गया। मैं
उनके पास पहुँचा और सारी समस्यायें बतायीं, उस समय मेरे पैर में कमर से लेकर नीचे तक बहुत ज्यादा दर्द
रहता था, बीपी बढ़ा
रहता था, पैर व हाथ
में बिच्छू के काटने जैसी पीड़ा रहती थी, पेशाब बहुत होती थी, रात्रि में १५-२० बार जाना पड़ता था, पैर में झुनझुनाहट रहती थी, उठने-बैठने तक में समस्या रहती थी।
उन्होंने सारी समस्यायें
सुनी और कहा कि आप परेशान न हों सब ठीक हो जायेगा, ४-५ माह समय लगेगा। उन्होंने चिकित्सा की। पहले माह में ही
पथरी खत्म हो गयी, दर्द कम होने
लगा।
आज ४ माह पूरे हो गये हैं
अब मुझे पर्याप्त आराम है। मेरी सारी अंग्रेजी दवायें बन्द हैं, अब दर्द में आराम है, चलने में भी आराम है, अब मैं आराम से उठ-बैठ लेता हूँ और बीपी की भी दवा नहीं
लेता हूँ, पेशाब में
पहले से आराम है।
मैं बहुत खुश हूँ कि मेरी
१६ साल की बीमारी ४ माह में आधी हो गयी और कोई ऑपरेशन भी नहीं करवाना पड़ा। मैं
आभारी हूँ बड़े ऑडीटर साहब का जिन्होंने मुझे आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट का पता दिया। नहीं तो
भोगता रहता। अंग्रेजी डॉक्टर ऑपरेशन की बात करते थे। मैं तो कहता हूँ कि अगर ऐसे
मामले में डॉक्टर ऑपरेशन की बात करें तो आप भी या कोई भी आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट जायें।
यह मेरा मैसेज दूसरों तक पहुँचायें।
हरिबहादुर
पाण्डेय (सेवानिवृत्त उ.प्र.पुलिस)
ग्राम-
जखनी,
पोस्ट - खुरहण्ड,
अतर्रा, बाँदा
(उ.प्र.)
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी
डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
2 Comments
आपके संस्थान द्वारा किये जा रहे नित नए शोध और सफल परिणामो से एक बार फिर जनमानस का विश्वास आयुर्वेद पध्दति आधारित चिकित्सा पर जाग्रत हो रहा है। आप सब निश्चय ही बधाई के पात्र हैं।🙏
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद ||
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