आयुष के ऐसे हैं प्रभाव!!
हम यह नहीं कहते कि हम किडनी, हार्ट या रीढ़ (स्पॉण्डिलाइटिस), चर्म रोगियों को शत प्रतिशत स्वस्थ कर देते हैं पर यह तो अवश्य कह सकते हैं कि हम इन रोगों में अंग्रेजी चिकित्सा से अच्छे और औसत से अधिक अच्छे परिणाम देते हैं। बस! रोगी इतना देर करके न आये। आज अंग्रेजी इलाज की स्थिति यह है कि पहले एक गोली से इलाज शुरू होता है धीरे-धीरे वह हार्ट, किडनी, लिवर का रोगी बन जाता है और फिर, कभी भी बन्द न होने वाली दवाओं का सिलसिला चलने लगता है। जबकि आयुष चिकित्सा में दवायें धीरे-धीरे घटते-घटते बिल्कुल बन्द हो जाती हैं। एक नहीं, सैकड़ों हार्ट रोगी, सैकड़ों किडनी रोगी इसके प्रमाण हैं जिनका डाक्यूमेंट्री रिकॉर्ड आयुष ग्राम चित्रकूट में रखा जाता है। ऐसे में आप सभी का पावन कर्तव्य बनता है कि पीड़ित मानव का सही मार्गदर्शन करें और उन तक जानकारी पहुँचायें, शायद वे भी समय से आयुष चिकित्सा में पहुँचकर आपके मार्गदर्शन से इनकी तरह जीवन लाभ पा सकें।
संस्थाध्यक्ष, आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
मेरी सास श्रीमती आशा विश्वकर्मा को ५-६ साल पहले से घुटनों
में बहुत दर्द था, अंग्रेजी दवा
कराती रही कुछ साल बाद उन्हें सुगर हो गया, अब हमने कई डॉक्टरों को घुटनों व सुगर के लिए दिखाया लेकिन
कोई आराम नहीं हो पा रहा था, अजयगढ़ (म.प्र.) के सरकारी हॉस्पिटल में भी दिखाया, २-३ माह अंग्रेजी दवायें चलीं, लेकिन कोई आराम नहीं मिला।
अंग्रेजी दवायें घुटनों व
सुगर की चल ही रहीं थीं कि एक दिन इनका अचानक सुगर लो हो गया तो पन्ना के अंग्रेजी
डॉक्टर अरुण जैन को दिखाया, उन्होंने कुछ
जाँचें करवायीं और अंग्रेजी दवायें दीं और बोतलें चढ़ायीं, सुगर लो हो जाने के कारण ये पूरी रात बेहोश रहीं, दूसरे दिन होश आया। जब इन्हें होश आया तो उन्होंने इलाहाबाद
के लिए रिफर कर दिया गया था, मेरे परिवार के लोगों ने जाँच में क्या आया है पूछा भी लेकिन उन्होंने कुछ
बताया नहीं बस बोले कि आप इन्हें इलाहाबाद ले जाओ।.
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बालाजी हॉस्पिटल की रिपोर्ट |
हम सब लोग परेशान हो गये
और तुरन्त इलाहाबाद लेकर जाया गया, इलाहाबाद के बालाजी हॉस्पिटल में वहाँ होश तो आ गया लेकिन
कुछ भी खाने यहाँ तक पानी भी पीने में उल्टी हो जाती थी। वहाँ डॉक्टरों ने खून की
जाँचें करवायी, जाँच आने के
बाद उन्होंने बताया कि इनकी दोनों किडनी फेल हो
गयी हैं, वहाँ जाँच
में क्रिटनीन ७.२१ एमजी/डीएल, यूरिया २१०.९ एमजी/डीएल, हिमोग्लोबिन १२.५ जी/डीएल आया। अब बाला जी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने डायलेसिस के लिए बोल
दिया। पर हमने डायलेसिस के लिए मना कर दिया और घर आ गये। लगातार उल्टी। इन्हें
उठने-बैठने के लिए सहारा लेना पड़ता था। तभी हमें पन्ना (म.प्र.) के एक व्यक्ति जो
अपना किडनी का इलाज आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम में करवा चुके हैं के
द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट
चिकित्सालय, चित्रकूट का पता चला।
अब हम और हमारे ससुर आशा
विश्वकर्मा को लेकर दूसरे दिन ही आयुष ग्राम
चिकित्सालय चित्रकूट पहुँचे, रजिस्ट्रेशन करवाया गया, फिर नम्बर आने पर ओपीडी नम्बर-५ में डॉक्टर अर्चना वाजपेयी, एम.डी. आयु. (कायचिकित्सा) के पास बुलाया गया, उन्होंने सारी समस्यायें पूछीं और जाँच करवायी जाँच में हीमोग्लोबिन १२.० जी/एम, क्रिटनीन ६.९ एमजी/डीएल, यूरिया ११६.१ एमजी/डीएल, यूरिक एसिड ९.८ एमजी/डीएल, बीएसआर १९८.६ एमजी/डीएल आया। उल्टियाँ बहुत हो रहीं थीं, कुछ भी खा-पी नहीं पा रही थी। डॉ. अर्चना वाजपेयी जी ने
उन्हें भर्ती होने की सलाह दी, हम लोग तैयारी से ही गये थे सो भर्ती हो गये।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में भर्ती होने के समय की रिपोर्ट |
यहाँ बस्तियाँ, शिरोधारा, अभ्यंग, स्वेदन तथा जरूरी भोजन दिया गया। हम इन्हें यहाँ २० दिन तक लेकर रहे। धीरे-धीरे
आराम मिल गया, उल्टियाँ
बन्द हो गयीं, कभी-कभी ६-७
दिन में हो जाती थी, ये अपना रोज
का काम स्वयं करने लगीं। इस दरम्यान हर हफ्ते खून जाँच करायी जाती रही, यूरिया, क्रिटनीन घटने लगा, सीआरपी और
एल्काइज फास्फेट भी कम होने लगा। हमें संतोष मिलने लगा कि जीवन बच गया मम्मी का।
नहीं तो ये अंग्रेजी अस्पताल वाले डायलेसिस कर डालते और पता नहीं कब तक करते। जब
तक शरीर खत्म न हो जाता तब तक डायलेसिस करते जाते।
२० दिसम्बर २०१९ की
रिपोर्ट
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९ फरवरी २०२० की
रिपोर्ट
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२० दिन बाद इन्हें १५ दिन
की दवा देकर डिस्चार्ज किया गया, १५ दिन बाद फिर १ माह की दवा दी गयी, २ माह से केवल दवा खा रही हैं। पूरी तरह ठीक हो गयीं। आज १०
फरवरी २०२० को जाँच करायी तो पाया कि हीमोग्लोबिन ११.० जी/एम, क्रिटनीन ०.९ एमजी/डीएल, यूरिया ३१.४ एमजी/डीएल हो गया।
आप सभी समीक्षा कर लें
मेरी सास का केस केवल अंग्रेजी दवायें/केमिकल से खराब हुआ। फिर धीरे-धीरे शरीर
खराब होता गया। यह तो भगवान् की कृपा और उनके जीवन का बचना तय था तो हमें आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट का पता चल गया और हम लोग
समय से लेकर पहुँच गये अन्यथा आज सास जी डायलेसिस पर होतीं या भगवान् के यहाँ। मैं
तो कहता हूँ कि आप सभी तो इन बातों को जन-जन में फैलायें शायद हमारे जैसे कोई
दूसरे पीड़ित को जीवन मिल सके। सही बात तो यह है कि देश की आजादी के ७० सालों बाद
भी हम अपनी बातों, अपने विज्ञान
को सब तक पहुँचा नहीं पा रहे और अंग्रेजी चिकित्सा में फँसे रहते हैं पर हम अब
पहुँचायेंगे यह संकल्प है।
आइये! मेरे संकल्प में सभी शामिल हों।
आइये! मेरे संकल्प में सभी शामिल हों।
श्रीमती आशा विश्वकर्मा
पत्नी श्री
रविकरण
विश्वकर्मा
अजयगढ़ (खोह मोहल्ला), जिला- पन्ना
(म.प्र.)
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुसरण करते हैं ।
डॉ. अर्चना वाजपेयी
डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
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