यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हो चुका है कि रोगों की उत्पत्ति वात, पित्त, कफ के असंतुलन से ही होती है।
कोलेस्ट्रोल,मधुमेह,ब्लडप्रेशर,थायराइड,हड्डियों की बीमारी और डिजेनरेशन आदि चयापचय असंतुलन की बीमारी है। रीढ़ की नस दबना, घुटनों का घिसना और हार्ट में ब्लॉकेज यह ठीक उसी प्रकार त्रिदोषों के असंतुलन का परिणाम और आयुजन्य विकृति है कोलेस्ट्रोल का घटना बढ़ना मौसम के बदलाव से भी जुड़ा प्रकरण है। किन्तु वर्तमान में ऐसा परिद्रश्य निर्मित है कि व्यक्ति रोगों के सही कारण ठीक करने की अपेक्षा प्रदर्शन में बहुत व्यस्त है।
प्रदर्शन में वह बहुत बड़े बड़े अंग्रेजी अस्पतालों के चक्कर काटता है और अप्राकृतिक दवाइयां खाता है, बड़ी बड़ी जांचें कराता है और ऐसा करते करते रोग को जटिल कर लेता है अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर लेता है, नये नये रोग पैदा कर लेता है जैसे हार्ट कोलेस्ट्रोल के प्रकरण को ले लीजिये इनकी गोलियां खाते खाते लोग नपुंसकता,कान्तिहीनता और दुर्बलता में जकड जाते हैं जबकि आयुष चिकित्सा में ऐसे रोगों का सहज, सरल समाधान मिल ही जाता है इसलिए आयुष चिकित्सा अपनाकर ढेर सारी गोलियों और रोगों के जंजाल से बाहर निकलें।
Evidence based treatment (वैज्ञानिक प्रमाण युक्त चिकित्सा)
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श्रीमती लीलाबाई और उनका बेटा प्रीतम पाटीदार |
मेरी माँ को २ माह पहले अचानक से खून आने लगा, तो मैं गाँव के ही डॉक्टर से दवा ले आता था। लेकिन १ माह से
बहुत ज्यादा समस्या होने लगी तो मैं फिर से गाँव के ही डॉक्टर के पास ले गया, उन्होंने कुछ अंग्रेजी दवायें दीं और इंजेक्शन लगाये। लेकिन
कोई आराम न मिलने पर उन्होंने नून हॉस्पिटल
भवानी मण्डी के लिए रिफर कर दिया। मैं अपनी
माँ को लेकर वहाँ पहुँचा, वहाँ के
डॉक्टर ने अल्ट्रासाउण्ड करवाया, जाँच आने के बाद डॉक्टर ने बताया कि आपकी माँ के Uterus में गाँठ है, जिसका ऑपरेशन करवाना पड़ेगा और खून की कमी बतायी और खून भी
चढ़वाने को बोले।
२ यूनिट खून चढ़ना था, खून तो आसानी से चढ़ गया लेकिन दूसरी बार खून चढ़ाने के बाद
माँ को बहुत उलझन, बेचैनी होने
लगी तो डॉक्टर ने तुरन्त बीपी चेक किया, बीपी २२० हाई निकला, ऑपरेशन की पूरी तैयारी हो गयी थी, लेकिन बीपी बढ़ा होने की वजह से ऑपरेशन के लिए ३० मिनट का
रेस्ट दिया गया। ३० मिनट के बाद भी बीपी कम न होने के कारण वहाँ के डॉक्टरों ने
राजस्थान के एक हॉस्पिटल रिफर कर दिया। मैं अपनी माँ को तुरन्त झालावर के एक
अंग्रेजी हॉस्पिटल ले गया। वहाँ पर मेरी माँ को आरआरसीयू में भर्ती किया गया।
इंजेक्शन व अंग्रेजी दवायें दी गयीं। वहाँ पर २ रातें रुकने पर कुछ आराम मिला
लेकिन वहाँ के डॉक्टरों ने भी ऑपरेशन करवाने की बता कही तो ऑपरेशन के लिए मैं अपनी
माँ को मन्दसौर ले गया। मन्दसौर में फिर से जाँचें हुयी, अब बताया कि माँ की किडनी फेल हो गयी, क्रिटनीन ५.३, यूरिया ९२ और खून चढ़वाने के बाद हीमोग्लोबिन ९.४ आया।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में चिकित्सा के पूर्व की रिपोर्ट |
मन्दसौर हॉस्पिटल की
दवाओं से बीपी तो कुछ कम हुआ लेकिन खून वैसे ही आ रहा था। तभी मुझे मेरे मौसी के
लड़के के द्वारा आयुष ग्राम ट्रस्ट
चिकित्सालय, चित्रकूट के बारे में
पता चला। मैं अपनी माँ और बहन को लेकर २९ दिसम्बर २०१२ को आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट पहुँचा। वहाँ पर रजिस्ट्रेशन हुआ, फिर नम्बर आने पर मुझे हार्ट, किडनी, रीढ़ चिकित्सा विभाग की ओपीडी-२ में डॉक्टर मदनगोपाल
वाजपेयी जी के पास बुलाया गया।
उन्होंने कुछ खून की जाँचें करवायीं और जाँच आने के बाद उन्होंने सारी रिपोर्ट्स
देखीं मैंने अपनी माँ की सारी समस्यायें बतायीं और यह भी बताया कि ऑपरेशन की पूरी
तैयारी हो गयी थी। उन्होंने मुझसे तुरन्त कहा कि सभी चीजों का हल ऑपरेशन नहीं होता, क्या कोई नाक के बहने पर कोई नाक कटवा देता है क्या, गला में खरास होने पर कोई गला कटवा देता है। मैंने कहा नहीं
पर अंग्रेजी डॉक्टर सभी ऑपरेशन की ही सलाह दे रहे हैं।
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आयुष ग्राम चिकित्सालय में चिकित्सा के बाद की रिपोर्ट |
२५ दिन बाद आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट में दिखाया जांच करवाने पर सभी जांचें नार्मल हो गई। हीमोग्लोबिन १०.० जीएम % हो गया, क्रिटनीन १.२ एमजी/डीएल, यूरिया ३२.६. एमजी/डीएल हो गया।
आज मेरी माँ की सिर्फ बीपी की दवा के अलावा सभी अंग्रेजी दवायें बन्द होने के बाद भी पूर्ण स्वस्थ हैं। मैं और मेरा पूरा परिवार सर! और आयुष ग्राम ट्रस्ट चिकित्सालय, चित्रकूट का आभारी हूँ। भगवान् की तपोभूमि में आकर मेरी माँ को नया जीवन मिल गया।
प्रीतम पाटीदार मेरी माँ लीलाबाई पाटीदार,
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी एक प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। शास्त्रीय चिकित्सा के पीयूष पाणि चिकित्सक और हार्ट, किडनी, शिरोरोग (त्रिमर्म), रीढ़ की चिकित्सा के महान आचार्य जो विगड़े से विगड़े हार्ट, रीढ़, किडनी, शिरोरोगों को शास्त्रीय चिकित्सा से सम्हाल लेते हैं । आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम, दिव्य चिकित्सा भवन, आयुष ग्राम मासिक, चिकित्सा पल्लव और अनेकों संस्थाओं के संस्थापक ।
इनके शिष्यों, छात्र, छात्राओं की लम्बी सूची है । आपकी चिकित्सा व्यवस्था को देश के आयुष चिकित्सक अनुशरण करते हैं ।
आयुष चिकित्सा बहुत ही परिणामोत्पादक प्रभावशाली और जीवनदायिनी है। पर भारत का दुर्भाग्य है और लोगों में जागरूकता का अभी भी अभाव है। प्राय: लोग तभी आते हैं जब अंग्रेजी दवा खाते-खाते शरीर की जीवनीय शक्ति और व्याधिक्षमत्व शक्ति को नष्ट कर देते हैं। जबकि लोगों को चाहिए कि यदि अंग्रेजी चिकित्सा में १-२ बार में लाभ न हो तो किसी बड़े आयुष संस्थान में जाना चाहिए। अब तो सरकारी स्तर से भी बड़े-बड़े आयुष संस्थान खुल गये हैं। अन्यथा अंग्रेजी दवाइयों से शरीर जर्जर होता है फिर रोग बहुत ही कृच्छ्र हो जाता है। जन-जन को इसका प्रचार करना चाहिए। इसी केस को देखिए कि यह केस केवल खून चढ़ाने और अंग्रेजी दवा, इंजेक्शन से किडनी फेल्योर में गया, यदि जल्दी न आते तो यूरिया, क्रिटनीन बढ़ता जाता और शरीर का बल, मांस क्षय हो जाता।
डॉ. अर्चना वाजपेयी
डॉ. अर्चना वाजपेयी एम.डी. (मेडिसिन आयु.) में हैं आप स्त्री – पुरुषों के जीर्ण, जटिल रोगों की चिकित्सा में विशेष कुशल हैं । मृदुभाषी, रोगी के प्रति करुणा रखकर चिकित्सा करना उनकी विशिष्ट शैली है । लेखन, अध्ययन, व्याख्यान, उनकी हॉबी है । आयुर्वेद संहिता ग्रंथों में उनकी विशेष रूचि है ।
डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी
संस्थाध्यक्ष, आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चित्रकूटधाम (उ.प्र.) २१०२०५
आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूट द्वारा संचालित
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
आयुष ग्राम चिकित्सालय:, चित्रकूट
मोब.न. 9919527646, 8601209999
website: www.ayushgram.org
डॉ मदन गोपाल वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य, पी.जी. इन पंचकर्मा (V.M.U.) एन.डी., साहित्यायुर्वेदरत्न,विद्यावारिधि (आयुर्वेद), एम.ए.(दर्शन),एम.ए.(संस्कृत), एल-एल.बी. (B.U.)
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
प्रधान सम्पादक चिकित्सा पल्लव और आयुष ग्राम मासिक
पूर्व उपा. भारतीय चिकित्सा परिषद
उत्तर प्रदेश शासन
डॉ अर्चना वाजपेयी एम.डी.(कायचिकित्सा) आयुर्वेद
डॉ परमानन्द वाजपेयी आयुर्वेदाचार्य
डॉ आर.एस. शुक्ल आयुर्वेदाचार्य
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