२००७ में १७
फरवरी को अचानक सीने में बहुत तेज दर्द उठा, मतलब हार्ट अटैक आया, घर वाले परेशान घबराकर डॉ. विनोद बोखड़े जी के पास ले गये, तो उन्होंने
प्राथमिक उपचार कर ईसीजी करवायी, मुझे कुछ आराम मिला फिर तुरन्त मुझे नागपुर के लिए रिफर कर
दिया गया। नागपुर में मैं ४ दिन तक भर्ती रहा और दवायें चलीं। कुछ आराम मिलने पर
मुझे घर भेज दिया गया। घर आने के बाद मैंने अन्य डॉक्टरों से सलाह ली तो
एंजियोग्राफी कराने की सलाह मिली। मैंने एंजियोग्राफी करवायी। दो नसों में ९५ % प्रतिशत ब्लॉकेज
बताया और कहा कि तुरन्त बाईपास सर्जरी करनी पड़ेगी। यह भी कहा कि अगर ऑपरेशन नहीं
करवाया तो कुछ भी कभी हो सकता है। अंग्रेजी दवा खाते-खाते किडनी की खराबी का पता
चला।
मुझे ३ साल से
मधुमेह की भी समस्या थी, मैं बहुत परेशान हो गया, साथ में मेरी
पत्नी भी अस्पताल में बीमार हो जाती थी। मुझे छिन्दवाड़ा के ही डॉ. खान (जो आयुष
ग्राम चिकित्सालय,
सूरजकुण्ड रोड, पुरवा तरौंहा मार्ग, चित्रकूटधाम आ चुके थे) के
द्वारा पता चला कि यहाँ बिना स्टेंट, बिना बाईपास सर्जरी के हार्ट का इलाज होता है। १०-१२ दिन
रहकर हार्ट/किडनी का पंचकर्म कराना होता है जो बहुत ही आरामदायक चिकित्सा
है। फिर मैं दूसरे दिन ही अपनी पत्नी के साथ आयुष ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय, चित्रकूट पहुँचा। भव्य
अस्पताल, पूरी तरह से
प्रकृति के गोद में बना, प्रदूषण रहित और कोलाहल से दूर। जहाँ सब कुछ रमणीय और सस्ता है। मैंने फोन से
रजिस्ट्रेशन करवाया, फिर यहाँ आकर
फाइल बनवायी और मेरा नम्बर आने पर हार्ट, किडनी और रीढ़ विभाग के डॉक्टर मदनगोपाल वाजपेयी के पास बुलाया
गया। उन्होंने सारी रिपोर्ट्स देखीं और कहा कि आप १० दिन रहकर पंचकर्म चिकित्सा
करवायें और औषधियाँ लें। बिल्कुल स्वस्थ हो जायेंगे। कोई ऑपरेशन नहीं।
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अनिल कुमार सिंह |
हम तैयारी करके
नहीं गये थे घर में शादी थी। फिर भी हम पति-पत्नी रुके और इलाज शुरू हुआ। १० दिन
भर्ती रहकर दवा व पंचकर्म करवाया। मुझे ३ दिन में ही आराम मिलने लगा और १० दिन में
तो मैं इतना अच्छा हो गया कि मुझे अपने आप पर लगने लगा कि मैं ३० साल का हो गया
हूँ। मेरी पत्नी भी बहुत खुश है जो सभी अंग्रेजी अस्पतालों में बीमार हो जाती थी
वह यहाँ के वातावरण व स्वच्छता से वह बिल्कुल स्वस्थ है।
मैं १० दिन में
ही ९५ % स्वस्थ हा गया
और मेरी रिपोर्ट्स भी बिल्कुल नार्मल है, सारी अंग्रेजी दवायें भी बन्द हो गयी हैं। मैं सर व पूरे
स्टॉफ को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ। मैं सभी को कहता हूँ कि यदि डॉक्टर हार्ट में
स्टेंट या रीढ़ के ऑपरेशन की सलाह दें तो आयुष ग्राम (ट्रस्ट), सूरजकुण्ड रोड, चित्रकूटधाम पहुँचें। प्रभु
श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में बहुत ही अच्छी सेवा हो रही है, सभी लाभ उठायें।
अनिल कुमार सिंह
ग्राम/पोस्ट- वलया
जगदीशपुर टाण्डा, जिला- अम्बेडकर
नगर (उ.प्र.)
वर्तमान पता- लोधीखेड़ा
सौंसर, जिला- छिन्दवाड़ा
(म.प्र.)
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