मेरे चाचा मइयादीन उम्र ७० वर्ष, पत्योरा, जिला- हमीरपुर (उ.प्र.) के रहने वाले हैं, किसानी करते थे।
उन्हें सन् २०१८
नवम्बर माह में अचानक सीने में दर्द उठा तो हम सब उन्हें कानपुर ले गये, वहाँ अंग्रेजी
डॉक्टरों ने देखा, जांचे करवायीं तो
हार्ट में ब्लॉकेज
बताये गये और स्टेंट डलवाने
की बात की गयी, लेकिन हमारे पास
इतना पैसा नहीं था। अत: १५ दिन की दवा लेकर हम घर आ गये।
हमारा पूरा
परिवार बहुत परेशान था तभी मुझे आयुष
ग्राम (ट्रस्ट) चिकित्सालय चित्रकूट के बारे में पता चला। दूसरे दिन ही
आयुष ग्राम चिकित्सालय चित्रकूट
लेकर आया। ओपीडी में मेरा नम्बर आने पर चाचा जी को ले गये। उनकी श्वांस फूल रही थी, घबराहट, बेचैनी थी वे कुछ
खा भी नहीं पाते थे। जैसे ही खाते थे तुरन्त उल्टी हो जाती थी बहुत कमजोरी आ गयी
थी।
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मईयादीन |
यहाँ डॉक्टर साहब ने देखा, जांचे हुई जाँच में पता चला कि चाचा जी की किडनी भी फेल है
और हार्ट भी । क्रिटनीन और यूरिया बढ़ा हुआ था। यूरीन में इन्फेक्शन। यह
सब देखकर डॉ. साहब ने मुझसे कहा कि मैं कोशिश करता हूँ आप इन्हें यहाँ रखिये।
कुछ दिन तक इलाज के बाद दवा देकर मेरे भाई से
कहा कि इन्हें घर ले जाओ घर पर ही दवा चलाओ, हम दवा लेकर घर चले गये। २ दिन बाद से ही उन्हें और आराम
मिलना शुरू हो गया, उनकी कमजोरी कम
होने लगी, सीने में दर्द कम
हो गया।
इस समय उनका इलाज
करवाते १२ माह हो गये हैं और अब चाचा जी बिल्कुल स्वस्थ हैं। हम तो यही मानते हैं
कि चाचा जी का आयुष ग्राम
ट्रस्ट, चित्रकूट से एक नया अवतार हुआ है।
मैं और मेरा पूरा
परिवार आयुष ग्राम ट्रस्ट
का और यहाँ के समस्त स्टॉफ का बहुत ही आभारी हैं। जिसके द्वारा मेरे चाचा जी आज
जिन्दा हैं, अन्यथा हार्ट, किडनी एक साथ
खराब होने पर उनका बच पाना मुश्किल था।
आयुष ग्राम चिकित्सालय (ट्रस्ट) में इतने अच्छे
रसों का संग्रह है कि यहाँ अनेकों मरणासन्न रोगी जीवनदान पा रहे हैं यह मैंने अपने
आँखों से देखा है।
जगदीश
पत्योरा (भरुआ सुमेरपुर)
जिला- हमीरपुर (उ.प्र.)
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